शीघ्रपतन या शीघ्रस्खलन अथवा प्रीमेच्योर इजेकुलेशन नाशक आयुर्वेदिक हलुआ
शीघ्र पतन (Shigrapatan)एक ऐसा रोग है जिसके कारण पति पत्नी के बीच शारीरिक दूरियाँ बढ़ने लगती हैं क्योकि इस रोग से ग्रस्त पुरुष अपनी पत्नी के साथ रणांगण में हार चुका होता है। जब तक पत्नी अपनी तलबार निकाल कर तैयार होती है पुरुष अपने हथियार गिरा देता है कहना अनुचित नही होगा कि वह युद्ध शुरु होने से पहले ही मैदान छोड़ चुका होता है।
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आज मैं शीघ्रपतन के रोगियों के लिए एक बहुत ही अद्भुत आयुर्वेदिक योग लाया हूँ जो एक बहेतरीन रेसीपी तो है ही साथ ही शीघ्रपतन, शीघ्रस्खलन या प्रीमेच्योर इजेकुलेशन व सेक्सुअल कमजोरी के मरीजों के अलाबा जिन लोगों को थोड़ी बहुत नपुंसकता की शिकायत है उनके लिए भी वरदान है।
शीघ्रपतन नाशक हलुआ बनाने की विधि----
आइये बनाते हैं शीघ्र पतन नाशक हलुआ
शीघ्रपतन नाशक हलुए के लिए आवश्यक सामिग्री-
- इमली के बीजों की गिरी भूनने के बाद - 250 ग्राम
- सूखे सिघांड़े का आटा - 250 ग्राम
- गोंद चीनिया- 250 ग्राम
- गोंद देशी बबूल - 500 ग्राम
- गाय का शुद्ध घी - 500 ग्राम
- चीनी - 3 किलोग्राम
शीघ्रपतन नाशक हलुआ बनाने की विधि----
गाय का घी 500 ग्राम लेकर कढ़ाही मे चढ़ा दें तथा दोनो प्रकार के गोंदों को अलग अलग तल लें तथा खरल में डालकर बारीक-2 कूट पीस लें।तलते समय ध्यान रखें जितना अच्छा तल जाएगा उतना ही अच्छा व वारीक गोंद कुट जाएगा।औऱ जितना वारीक कुट जाएगा उतना ही अच्छा हलुआ भी गुणकारी व स्वादिस्ट बनेगा। लैकिन साथ ही यह भी याद रखना कि ज्यादा सिक न जाए नही तो गोंद जल भी सकता है अतः ध्यान रखें।बाकी बचा घी अलग करके रख लें।अब लगभग 3 किलो चीनी लेकर चासनी बना लें तथा चासनी में ही उपर लिखी सारी चीजें डाल दें तथा धीमी आग पर पकाऐं।पकने पर हलुआ तैयार है।
शीघ्रपतन नाशक हलुए की सेवन योग्य मात्रा व अनुपान -
20-25 ग्राम हलुआ प्रातःकाल गाय के गुन गुने दूध से लें।
शीघ्रपतन नाशक हलुए के लाभ-
पुरानी से पुरानी काम समस्याओं का निराकरण करता है।जैसे मूत्रत्याग के समय धातु या वीर्य की बूंदे निकल जाती हैं।धातु की कमजोरी मिटती है।और शीघ्र पतन की शर्तिया दवा है।
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