अश्वगंधा--- स्वस्थ व सदावहार जीवन का सूत्र ashwagandha plant ke fayde
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अश्वगंधा--- स्वस्थ व सदावहार जीवन का सूत्र |
सुन्दर व
बलबान बलिष्ठ शरीर की चाहत किसे नही होती क्या दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति है जो
ऐसा नही चाहता कौन ऐसा है जो नही चाहता कि वह हमेशा युवा बना रहे। और ऐसी ही चाहत
अगर आप भी रखते हैं तो चिन्ता न करें आयुर्वेद ने आपकी इस इच्छा की पूर्ति के लिऐ
अनेकों औषधियों को अपने हृदय में सुरक्षित रखा है बस जरुरत है आप आयुर्वेद को जाने
और इन्हीं आयुर्वेदिक महोषधियों में से अश्वगंधा भी एक एसी
ही औषधि है जो आपके स्वास्थ्य को ठीक तो रखती ही है साथ ही आपको प्रदान करती है एक
अपूर्व यौवन जो अगर आप तरीके से आयुर्वेद के नीयमों का पालन करते हुये अगर प्रयोग
करते है तो यह आपका यौवन बना रह सकता है। आपकी सभी समस्याओं का इलाज अगर किसी औषधि
में है तो वह है अश्वगंधा। आइये जानते है इस अश्व गंधा के बारे में कुछ विशेष
अश्वगंधा (ashwagandha in hindi) एक प्रकार का पौधा होता है जो अनेको आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में प्रयोग होता
है और इसका उपयोग हजारों सालों से होता आ रहा है। क्योंकि इसके पत्तों व जड़ों से
अश्व अर्थात घोड़े के मूत्र की सी गंध आती है अतः अश्वगंधा को असगंध या वाजीगंधा
भी कहा जाता है। क्योकि अश्व व वाजि घोड़े के ही पर्यायवाची हैं।यह वास्तव में घोड़े की सी ताकत भी दैती है हमारी मांसपेशियों को बलिष्ठ बनाती है। इसका वानस्पतिक वैज्ञानिक नाम Withania somnifera है , और सामान्य इंग्लिस नाम winter cherry है।
अश्वगंधा के औषधीय गुण या अश्वगंधा के फायदे हिंदी ---
इस (ashwagandha in hindi) पौधे
की जड़ों से चूर्ण और capsule भी बनाये जाते हैं जिनके अनेकों गुण होते है जैसे की body में खून की मात्रा को बढ़ाना, वजन को घटाना, लकवा से बचाना आदि ।
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अश्वगंधा (ashwagandha ke Gun in hindi)
वायु एवं कफ विकारों को नाश करने वाली अर्थात खांसी, श्वांस, खुजली, व्रण, आमवात आदि नाशक है। इसका प्रयोग
कमजोर व्यक्तियों में वीर्य व् पौरुष सामर्थ्य की वृद्धि करने, शरीर पर मांस चढाने, स्तनपान कराने
वाली स्त्रियों के स्तनों में दूध की वृद्धि करने,
कमजोर बच्चों
को मोटा करने व चुस्त व आलस्यहीन बनाने तथा गर्भधारण के निमित व्यापक रूप से
प्रयोग किया जाता है।
महर्षि
चरक के अनुसार अश्वगंधा को उत्कृष्ट बल्य औषधि है जो समस्त प्रकार के जीर्ण रोगों
से ग्रस्त रोगियों तथा क्षय रोग आदि से पीड़ित रोगियों के लिए उपयुक्त औषधि है।
अश्वगंधा सेवन विधि व मात्रा--- Ashvagandha sevan vidhi,Dose
अश्वगंधा की 3 से 6 ग्राम की मात्रा यदि चूर्ण के रुप में एक माह तक दूध, घी, तेल या ताज़ा पानी के साथ बच्चों
को सेवन करा दिया जाए तो जैसे वर्षा का प्रभाव वनस्पतियों पर होता है कि मरती हुयी
वनस्पति पुनः हरी होकर लहलहा उठती है उसी
प्रकार से कमजोर बच्चा, युवा या बृद्ध सभी का शरीर पुष्ट हो जाता है। अगर वृद्ध भी
शरद ऋतू में इसका सेवन एक महीने तक कर लें तो वो भी पुनः जवानी का अनुभव करने लगता
है।
अश्वगंधा चूर्ण |
अश्वगंधा शरीर में रक्तचाप को बिलकुल
सही रखती है। इसे खाने से तनाव भी कम होता है। इस औषधि में डायबटीज को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को घटाने की क्षमता होती है।
अश्वगंधा का गठिया और पाचन क्रिया पर प्रभाव :
अश्वगंधा
का सेवन गठिया पर एक आश्चर्यजनक प्रभाव डालता है यह गठिया का दर्द दूर कर देता है।
अश्वगंधा में पेट को साफ करने का गुण होता है जिससे पाचन क्रिया स्वत: दुरुस्त हो
जाती है।
अगर आपको नींद नहीं आती है तो आप
अश्वगंधा का सेवन करके आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त कर सकते हैं इसके प्रयोग से यह समस्या दूर हो जाती है। जिन महिलाओं को
योनि से हमेशा सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलता रहता है अगर वह अश्वगंधा का सेवन करें, तो उन्हे बहुत आराम मिलेगा।
इसे ही लिकोरिया या सफेद पानी के नाम से जाना जाता है।
अश्वगंधा कद लम्बा करने में प्रभावकारी है
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अश्वगंधा आपकी हाइट भी बढ़ाता है।
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प्रतिदिन एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लगभग 40 से 45 दिनों तक एक गिलास
दूध में mix कर के उसमे थोड़ा सा गुड़ या
चीनी भी मिला कर पीने से बच्चों का कद बढ़ जाता है।
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अश्वगंधा प्रजनन शक्ति व स्पर्म काउंट बढ़ाता है सेक्स की थकान मिटाता हैः
अश्वगंधा
का सेवन करने से प्रजनन शक्ति में इजाफा होता है। इससे स्पर्म काउंट बढ़ता है और
वीर्य भी अच्छी मात्रा में बनता है इसके साथ ही यह वीर्य को शोधन करके वीर्य की
क्वालिटी को अच्छी कर देता है। अश्वगंधा, शरीर को जोश देता है जिससे पूरे
शरीर में आलस्य नहीं रहता है और सेक्स करते समय थकान भी नहीं आती है।
लोगों को
सेक्स के दौरान थकान होने लगती है, उन्हें अश्वगंधा के सेवन से
काफी लाभ मिलता है। अश्वगंधा में जवानी को बरकरार रखने की काफी शक्ति होती है। यह
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
अश्वगंधा का सेवन :
अश्वगंधा को आप 2 से 5 ग्राम तक रोजाना खा सकते हैं.
इसके लिए आप 100 ग्राम अश्वगंधा को 100 ग्राम मिश्री में मिला कर रख
लीजिये, इसक एक
चम्मच रात को सोते समय दूध के साथ सेवन करें। इसके अलावा आप अश्वगंधा के विभिन्न फार्मेसियों के बने केप्सूल भी प्रयोग कर सकते हैं।
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